संज्ञा से सर्वनाम बनाने के लिए संज्ञा शब्द के अन्त में त्व, पन आदि प्रत्यय लगाये जाते हैं।
उदाहरण–
1. अपना– अपनापन
2. अहं– अहंकार
3. पराया– परायापन
4. निज– निजत्व
5. स्व– स्वत्व
6. मम– ममत्व।
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संज्ञा क्या है? | संज्ञा के प्रकार– व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, द्रव्यवाचक, समूहवाचक, भाववाचक
संज्ञा से विशेषण बनाने के लिए संज्ञा शब्द के अन्त में पन, अक, ता, ई, आई, आहट आदि प्रत्यय लगाए जाते हैं।
उदाहरण–
1. लाल– लाली
2. हरा– हरियाली
3. अच्छा– अच्छाई
4. बुरा– बुराई
5. चिकना– चिकनाहट
6. मोटा– मोटाई
7. ठण्डा– ठण्डक
8. बड़ा– बड़प्पन
9. छोटा– छुटपन
10. मूर्ख– मूर्खता
11. कठिन– कठिनाई
12. सरल– सरलता
13. कुशल– कुशलता
14. नीच– नीचता
15. सुन्दर– सुन्दरता
16. एक– एकता
17. रोचक– रोचकता
18. गम्भीर– गम्भीरता।
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रसों का वर्णन - वीर, भयानक, अद्भुत, शांत, करुण
संज्ञा से क्रिया बनाने के लिए संज्ञा शब्द के अन्त में आई, आहट आदि प्रत्यय लगाये जाते हैं।
उदाहरण–
1. घबराना– घबराहट
2. लिखना– लिखाई
3. मिलना– मेल
4. धोना– धुलाई
5. बरसना– बारिश
6. चलना– चाल
7. खेलना– खेल
8. दौड़ना– दौड़
9. भूलना– भूल
10. हारना– हार
11. जीतना– जीत
12. झगड़ना– झगड़ा
13. पढ़ना– पढ़ाई
14. थकना– थकान।
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भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है?
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
EduFavour.Com
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