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जीवन के 10 अनमोल सिद्धांत | व्यक्तित्व निर्माण और सफलता की राह दिखाने वाले सूत्र

By: RF Tembhre   Copy        Share
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जीवन में सफलता के 10 सूत्र

भूमिका― पृथ्वी पर जीवित समस्त प्राणियों में मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो भोजन के साथ-साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे सामाजिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, आर्थिक ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जहाँ व्यक्ति सफल होना चाहता है। सफलता जीवन का वह लक्ष्य है जिस ओर प्रत्येक व्यक्ति प्रयत्नशील रहता है। किंतु सफलता केवल सौभाग्य या संयोग या यूं कहे इत्तेफाक से नहीं मिलती, इसके पीछे अनेक सूत्र, श्रम और आत्मनिष्ठा का योगदान होता है।
प्रस्तुत लेख में जीवन में सफलता प्राप्त करने के 10 ऐसे सूत्रों को साझा किया जा रहा है, जो साधारण से भी साधारण को सफलता दिलाने में सहायक हो सकते हैं।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण
(Clear Goal Setting)

यदि जीवन में दिशा स्पष्ट नहीं है, तो प्रयास व्यर्थ हो जाते हैं। सफलता की पहली सीढ़ी है – लक्ष्य का निर्धारण। व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने जीवन का ध्येय (उद्देश्य/लक्ष्य) निश्चित करना चाहिए और उसे छोटे-छोटे चरणों में विभाजित कर योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ना चाहिए।

2. समय का सदुपयोग
(Effective Time Management)

प्रत्येक व्यक्ति को समय मिलता है किंतु उस समय का उपयोग व्यक्ति किस तरह से कर रहा है इस बात पर उसकी सफलता निश्चित होती है। समय अमूल्य निधि है। जो व्यक्ति हर क्षण (पल-पल) का सदुपयोग करता है, वही सफलता की ओर बढ़ता है। सफलता चाहने वाले व्यक्ति को अपनी दिनचर्या को सुव्यवस्थित बनाकर प्रत्येक कार्य के लिए समय निर्धारित करना चाहिए।

3. आत्मविश्वास का विकास
(Self-Confidence)

आत्मविश्वास व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थिति में भी मार्ग निकालने की शक्ति देता है। सफलता चाहने वाले व्यक्ति को अपने भीतर यह विश्वास जगाना चाहिए कि वह जो ठान लेगा, वह कर सकता है। इतिहास में हजारों उदाहरण भारी पड़े हैं जिन्होंने अपने आत्म बल पर कठिन से कठिन परिस्थितियों को पर किया है। तो फिर आत्मबल से सफलता आसानी से प्राप्त की सकती है।

4. निरंतर अभ्यास और परिश्रम
(Consistent Effort and Hard Work)

कवि 'वृंद' का वृंद सतसई में वर्णित दोहे में कहा गया है कि―
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान॥

अर्थात लगातार अभ्यास करने से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है। जैसे बार-बार पानी की रस्सी कुएँ से खींचते समय पत्थर पर निशान छोड़ जाती है, वैसे ही निरंतर प्रयास से कठिन से कठिन कार्य भी संभव हो जाते हैं।
प्रकृति भी उन्हें वरदान देती है जो श्रम से भागते नहीं। कोई भी कौशल या ज्ञान अभ्यास से ही आता है। निरंतर अभ्यास आपको दक्षता की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।

5. सकारात्मक सोच
(Positive Thinking)

व्यक्ति का दृष्टिकोण और उसकी सोच के अनुसार ही उसका जीवन बनता है। विचारों की शक्ति असीम होती है। नकारात्मक सोच मनोबल को गिराती है जबकि सकारात्मक सोच कठिनाइयों को अवसर में बदल देती है। जीवन को आशावादी दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

6. आत्मानुशासन
(Self-Discipline)

अनुशासन के बिना कोई भी लक्ष्य साध्य नहीं होता। चाहे विद्यार्थी हो, शिक्षक/कर्मचारी हो, व्यावसायी हो, या कृषक ही क्यों न हो आत्मानुशासन से सफलता को प्राप्त करते हैं। समय पर उठना, समय पर अपना कार्य पूर्ण करना, नियमित पढ़ाई या कार्य करना, मन को संयम में रखना – ये सभी आत्मानुशासन के उदाहरण हैं जो सफलता की नींव हैं।

7. असफलता से शिक्षा लेना
(Learn from Failures)

अक्सर यह देखने में आता है कि व्यक्ति को जब किसी क्षेत्र में असफलता मिलती है तो वह निराश हो जाता है और प्रयास करना लगभग कम या बंद कर देता है। इस बात को याद रखना चाहिए कि असफलता अंत नहीं है बल्कि एक सीख है। इतिहास गवाह है कि महान व्यक्तियों ने असफलता से शिक्षा लेकर ही सफलता प्राप्त की। हर हार को अनुभव मानकर, उससे सीखकर फिर से प्रयास करना चाहिए।

8. उत्तम संगति और मार्गदर्शन
(Good Association and Guidance)

परिवेश और संगति एक व्यक्ति पर निश्चित ही गहरा प्रभाव डालती है। व्यक्ति की संगति और उसका परिवेश जैसा होता है इस आधार पर उसकी सफलता सुनिश्चित होती है। अच्छे विचारों वाले, प्रगतिशील व्यक्तियों की संगति सफलता की ओर ले जाती है। साथ ही, किसी अनुभवी मार्गदर्शक का साथ पथदर्शी सिद्ध होता है।

9. स्वास्थ्य की देखभाल
(Health Awareness)

निश्चित ही स्वास्थ्य जीवन को सफल बनाने हेतु आवश्यक होता है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। यदि शरीर अस्वस्थ है, तो कोई भी लक्ष्य दूर प्रतीत होता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद आवश्यक हैं।

10. कृतज्ञता और विनम्रता
(Gratitude and Humility)

एक अच्छे व्यक्ति का सबसे अच्छा गुण है उसका कृतज्ञ बनने के साथ-साथ हर परिस्थिति में विनम्र बने रहना। सफलता प्राप्त करने के बाद विनम्र बने रहना और उन लोगों के प्रति कृतज्ञ होना जिन्होंने आपकी सहायता की, एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व की पहचान है। यही गुण जीवन को संपूर्ण रूप से सफल बनाते हैं।

जीवन में सफलता कोई आकस्मिक चमत्कार नहीं, बल्कि सुविचारित योजनाओं, श्रम, और आंतरिक गुणों का परिणाम होती है। यदि आप सफलता चाहते हैं तो उक्त वर्णित इन 10 सूत्रों को सदैव याद रखें और उन्हीं के अनुसार अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ें। यदि अपने जीवन में इन सूत्रों अपनाते हैं, तो सफलता केवल एक सपना नहीं बल्कि आपके लिए यथार्थ बन सकती है।

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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
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