जो गद्यांश बिना पढ़ा हुआ हो गद्यांश हो उसे अपठित गद्यांश कहा जाता है। (गद्यांश अर्थात किसी गद्य यथा- लेख, निबंध, समाचार आदि का एक छोटा सा अंश।) हमारे लिए अपठित सामग्री के अंतर्गत लेख, निबंध, समाचार, विज्ञापन, आदि हो सकते हैं।
उदाहरण देखें–
"सृष्टि के आदिकाल से हो नारी की महत्ता अक्षुण्ण है। नारी सृजन की पूर्णता है। उसके अभाव में मानवता के विकास की कल्पना असभव है। समाज के रचना विधान में नारी के माँ, बहन एवं पत्नी के रूप हैं। वह सम परिस्थितियों में देवी है तो
विषम परिस्थितियों में दुर्गा भवानी है। वह समाज रूपी गाड़ी का एक पहिया है, जिसके बिना समग्र जीवन ही पंगु है।"
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उपर्युक्त अपठित गद्यांश से इस प्रकार के प्रश्न हो सकते हैं।
1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर – नारी की महत्ता / समाज में नारी का स्थान
2. नारी दुर्गाभवानी किन परिस्थितियों में बन जाती है ?
उत्तर – विषम परिस्थितयों में नारी दुर्गाभवानी बन जाती है।
3. नारी के अभाव में मानवता के विकास की कल्पना असंभव है। कैसे?
उत्तर – नारी के अभाव में मानवता के विकास की कल्पना असंभव है क्योंकि नारी सृजन की पूर्णता है।
4. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
उत्तर – सृष्टि के आदिकाल से नारी की महत्ता अक्षुण्ण है। उसके अभाव में मानवता के विकास की कल्पना असंभव है। वह समाज रूपी गाड़ी का एक पहिया है।
प्रश्नों का उत्तर लिखते समय ध्यान दी जाने वाली बातें– अपठित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
1. प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत सामग्री में ही निहित रहते हैं इसलिए गद्यांश को दो-तीन बार ध्यानपूर्वक पढ़ें।
2. उत्तर लिखते समय सरल, सुबोध तथा सहज भाषा का प्रयोग करें।
3. पूछे गए प्रश्नों में अंतर्निहित उद्देश्य को समझकर ही प्रश्नों के उत्तर खोजें।
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धन्यवाद।
R F Temre
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Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
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