s
By: RF competition   Copy   Share  (483) 

गाय को सबसे पवित्र पशु क्यों माना जाता है?

1798

गाय (पवित्र पशु)

भारत में वैदिक सभ्यता के समय से ही गाय को पवित्र पशु माना जाता है। ऋग्वैदिक काल के आर्य लोगों की संस्कृति ग्रामीण और कबीलाई थी। इन लोगों का प्राथमिक कार्य 'पशुपालन' था, जबकि कृषि उनके लिए गौण कार्य था। वे लोग पशुओं की सेवा को विशेष महत्व देते थे। ऋग्वैदिक काल में गाय को सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण पशु माना जाता था। गाय के द्वारा दूध प्राप्त किया जाता था। साथ ही गाय का प्रयोग विनिमय के साधन के रूप में किया जाता था। आर्यों की अधिकांश लड़ाइयाँ गायों को लेकर ही होती थी। इस प्रकार स्पष्ट है कि आर्यों की मूल सम्पत्ति गाय थी। गाय की हत्या करने वाले या उसे घायल करने वाले को मृत्युदण्ड अथवा देश निकाला दिया जाता था। अतः वेदों के समय में गाय को सबसे पवित्र पशु माना जाता था। यही सर्वोचित परम्परा वर्तमान में भी जारी है।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
सिन्धु घाटी सभ्यता और वैदिक सभ्यता में अन्तर

गाय की महत्ता बताने वाले शब्द

ऋग्वैदिक साहित्य से गाय से सम्बन्धित अनेक शब्द प्राप्त हुए हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण शब्द निम्नलिखित हैं–
1. अष्टकर्णी– ऋग्वेदिक आर्यों ने गाय को अष्टकर्णी कहा है। यह शब्द गाय के ऊपर स्वामित्व का सूचक है।
2. गविष्टि– यह गाय की महत्ता बताने वाला शब्द है।
3. अघन्या– ऋग्वैदिक आर्यों ने गाय को अघन्या कहा है। अघन्या का शाब्दिक अर्थ 'न मारे जाने योग्य पशु' होता है।
4. दुहिता– ऋग्वैदिक काल में पुत्री को 'दुहिता' कहा जाता था, क्योंकि वह गाय का दूध दुहती थी। इस काल में 'पणि' नामक व्यापारी पशुओं की चोरी के लिए कुख्यात थे।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
कबीला किसे कहते हैं? | कबीलाई संगठन– कुल, ग्राम, विश, जन और राष्ट्र

ऋग्वैदिक काल के पशु

ऋग्वैदिक काल के प्रमुख पशु निम्नलिखित हैं–
1. गाय
2. घोड़ा
3. बैल
4. भैंस
5. बकरी
6. ऊँट।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. सिन्धु (हड़प्पा) सभ्यता का पतन कैसे हुआ?
2. वैदिक सभ्यता (आर्य सभ्यता) क्या थी? | ऋग्वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल
3. ऋग्वैदिक काल के क्षेत्र– ब्रह्मवर्त्त, आर्यावर्त और सप्त सैंधव क्षेत्र
4. ऋग्वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था, स्त्रियों की स्थिति तथा आर्यों के भोजन व वस्त्र
5. हड़प्पा (सिन्धु) सभ्यता के लोगों का धर्म, देवी-देवता एवं पूजा-पाठ

आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
EduFavour.Com

Comments

POST YOUR COMMENT

Categories

Subcribe