महाकाव्य और खण्डकाव्य में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं–
1. महाकाव्य का आकार विशाल होता है, जबकि खण्डकाव्य का आकार सीमित होता है।
2. महाकाव्य में नायक के जीवन का सम्पूर्ण अंकन किया जाता है, जबकि खण्डकाव्य में नायक के जीवन के किसी एक खण्ड का अंकन किया जाता है।
3. महाकाव्य में अनेक छन्दों का प्रयोग किया जाता है, जबकि खण्डकाव्य में एक ही छन्द का प्रयोग किया जाता है।
4. महाकाव्य के प्रधान रस श्रृंगार, वीर और शान्त हैं। खण्डकाव्य के प्रधान रस श्रृंगार और करूण हैं।
5. रामायण, महाभारत, कामायनी, पृथ्वीराज रासो, पद्मावत, साकेत, उर्वशी आदि महाकाव्य के उदाहरण हैं। पञ्चवटी, जयद्रथ वध, सुदामा चरित, हल्दीघाटी का युद्ध, मेघदूत आदि खण्डकाव्य के उदाहरण हैं।
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महाकाव्य में नायक के सम्पूर्ण जीवन अथवा किसी घटना विशेष का सांगोपांग चित्रण किया जाता है। इस काव्य का आकार विशाल होता है, इसीलिए इसे 'महाकाव्य' कहा जाता है। रामचरितमानस में सात सर्ग होने पर भी इसे महाकाव्य के अन्तर्गत रखा गया है।
महाकाव्य के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं–
1. रामायण– वाल्मीकि
2. महाभारत– वेद व्यास
3. पृथ्वीराज रासो– चन्दवरदाई
4. पद्मावत– मलिक मोहम्मद जायसी
5. साकेत– मैथिलीशरण गुप्त
6. रामचरितमानस– तुलसीदास
7. कामायनी– जयशंकर प्रसाद
8. उर्वशी– रामधारी सिंह दिनकर आदि।
महाकाव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–
1. महाकाव्य में आठ या उससे अधिक सर्ग होते हैं।
2. महाकाव्य का नायक धीरोदात्त गुणों से युक्त होता है।
3. इसमें शान्त, वीर अथवा श्रृंगार रस में से किसी एक की प्रधानता होती है।
4. महाकाव्य में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. इसमें अनेक छन्दों का प्रयोग होता है।
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खण्डकाव्य में नायक के जीवन की किसी एक घटना अथवा हृदयस्पर्शी अंश का पूर्णता के साथ अंकन किया जाता है। चूँकि इसमें नायक के जीवन के किसी एक खण्ड का वर्णन किया जाता है, इसीलिए इसे खण्डकाव्य कहा जाता है।
खण्डकाव्य के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं–
1. पञ्चवटी– मैथिलीशरण गुप्त
2. जयद्रथ वध– मैथिलीशरण गुप्त
3. सुदामाचरित– नरोत्तम दास
4. मेघदूत– कालिदास
5. हल्दीघाटी का युद्ध
6. पथिक आदि।
खण्डकाव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–
1. खण्डकाव्य में मानव के किसी एक पक्ष का चित्रण किया जाता है।
2. इसमें केवल एक ही छन्द का प्रयोग किया जाता है।
3. खण्डकाव्य की कथावस्तु पौराणिक अथवा ऐतिहासिक विषयों पर आधारित होती है।
4. खण्डकाव्य में श्रृंगार या करुण रस प्रधान होता है।
5. खण्डकाव्य का उद्देश्य महान होता है।
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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
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