कहानी वह कथात्मक लघु गद्य रचना है जिसमें जीवन की किसी एक स्थिति का सरस सजीव चित्रण होता है। कहानी वास्तविक जीवन की वह काल्पनिक कथा है, जो छोटी-सी होते हुए भी स्वतः पूर्ण एवं सुसंगठित होती है।
विश्वकवि रविन्द्र नाथ टैगोर के अनुसार,
1. "जीवन का प्रतिक्षण एक सारगर्भित कहानी है।"
2. "नदी जैसे जलस्त्रोत की धारा है, मनुष्य वैसे ही कहानी का प्रवाह है।"
मुंशी प्रेमचन्द्र के अनुसार, "गल्प (कहानी) एक ऐसी रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही कहानीकार का उद्देश्य होता है।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. पत्र-साहित्य क्या है? | प्रमुख पत्र-साहित्य एवं उनके लेखक
2. निबन्ध क्या है? | निबन्ध का इतिहास || प्रमुख निबन्धकार एवं उनकी रचनाएँ
3. आत्मकथा क्या होती है? | प्रमुख आत्मकथा लेखक एवं उनकी रचनाएँ
4. संस्मरण क्या है? | प्रमुख संस्मरण लेखक एवं उनकी रचनाएँ
कहानी के प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं–
1. कथानक या कथावस्तु
2. पात्र एवं चरित्र चित्रण
3. कथोपकथन या संवाद
4. देशकाल या वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य।
कहानी की प्रमुख शैलियाँ निम्नलिखित हैं–
1. ऐतिहासिक शैली
2. आत्मचरित शैली
3. पत्रात्मक शैली
4. डायरी शैली।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. यह तन काँचा कुम्भ है – कबीर दास
2. नाम अजामिल-से खल कोटि – गोस्वामी तुलसीदास
3. एहि घाटतें थोरिक दूरि अहै– गोस्वामी तुलसीदास
4. रावरे दोषु न पायन को – गोस्वामी तुलसीदास
5. प्रभुरुख पाइ कै, बोलाइ बालक घरनिहि – गोस्वामी तुलसीदास
कहानी के प्रमुख भेद निम्नलिखित हैं–
1. वातावरण प्रधान कहानी
2. भाव प्रधान कहानी
3. घटना प्रधान कहानी
4. चरित्र प्रधान कहानी।
हिन्दी के प्रमुख कहानीकार एवं उनकी कहानियाँ निम्नलिखित हैं–
1. प्रेमचन्द (कहानी संम्राट) – बड़े घर की बेटी, पंचपरमेश्वर
2. विशम्भरनाथ शर्मा 'कौशिक' – ताई, रक्षाबंधन
3. जयशंकर प्रसाद – छाया, पुरस्कार, गुण्डा
4. किशोरीलाल गोस्वामी – इन्दुमती (हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी)
5. जैनेन्द्र कुमार – जाह्नवी, पाजेब।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. छावते कुटीर कहूँ रम्य जमुना कै तीर– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
2. भज मन चरण कँवल अविनासी– मीराबाई
3. हिंदी का इतिहास– भारतेन्दु युग (विशेषताएँ एवं प्रमुख कवि)
4. हिन्दी का इतिहास– द्विवेदी युग (विशेषताएँ एवं कवि)
5. मैथिलीशरण गुप्त– कवि परिचय
उपन्यास और कहानी में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं–
1. उपन्यास का आकार बड़ा होता है, जबकि कहानी का आकार छोटा है।
2. उपन्यास में समस्त जीवन अंकन होता है, जबकि कहानी में जीवन का खण्ड चित्रण होता है।
3. कहानी की अपेक्षा उपन्यास में अधिक पात्र होते हैं, जबकि उपन्यास की अपेक्षा कहानी में कम पात्र होते हैं।
4. उपन्यास में आधिकारिक के साथ सहायक और गौण कथाएँ भी होती हैं, जबकि कहानी में एक ही कथा घटना होती है।
5. गबन, गोदान, सेवासदन आदि प्रेमचन्द द्वारा लिखित उपन्यास हैं, जबकि रक्षाबंधन, ताई आदि विशम्भर नाथ शर्मा 'कौशिक' द्वारा लिखित कहानियाँ हैं।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. बीती विभावरी जाग री― जयशंकर प्रसाद
2. मैया मैं नाहीं दधि खायो― सूरदास
3. मैया कबहिं बढ़ैगी चोटी― सूरदास
4. बानी जगरानी की उदारता बखानी जाइ― केशवदास
5. मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो― सूरदास
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
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