"सूर के बालकृष्ण"
मो देखत जसुमति तेरे ढोटा, अबहिं माटी खाई।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। संदर्भ― प्रस्तुत पद्यांश 'सूर के बालकृष्ण' नामक शीर्षक से लिया गया है। इस पद्य की रचना महाकवि 'सूरदास' ने की है।
हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। प्रसंग― प्रस्तुत पद्यांश में माँ यशोदा से बालक श्रीकृष्ण की शिकायत की जाने पर, वे अपने पुत्र को डाँटती हैं।
हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। महत्वपूर्ण शब्द― जसुमति- यशोदा, ढोटा- पुत्र, माटी- मिट्टी, रिस- क्रोध, कर- हाथ, भुज- बाँह, गाढ़े- कसकर, सांटी- डंडी, वेग- शीघ्र, लरिका- लड़का।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। व्याख्या― ब्रज के ग्वाल-बाल एवं बालक श्री कृष्ण के मित्र माँ यशोदा के पास आकर कहते हैं, कि माता हमने अभी देखा है, कि तेरे पुत्र ने मिट्टी खाई है। ऐसा सुनकर यशोदा क्रोध के साथ उठती हैं और कान्हा की बाँह पकड़कर उन्हें ले आती हैं। वे अपने एक हाथ में अपने पुत्र की बाँह कसकर पकड़ लेती हैं, ताकि वह कहीं दूर न जा सके और दूसरे हाथ में एक डंडी लेती हैं। फिर वह कहती हैं, कि देख कन्हैया! यदि तूने अभी मिट्टी नहीं उगली तो मैं तुझे इस डंडी से मारूँगी। इस बात पर सफाई देते हुए बालक श्री कृष्ण कहते हैं, कि माँ ब्रज के ये सभी ग्वाल-बाल तुझसे झूठी बात कहते हैं। यदि तू मेरी बात नहीं मानती तो मैं तुझे अभी अपना मुँह खोल कर दिखा देता हूँ। ऐसा करने पर तो तू मुझ पर विश्वास कर लेगी।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। काव्य-सौंदर्य― 1. बाल सुलभ चेष्टाओं का वर्णन दृष्टव्य है।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
यह सुनिकै रिस करि उठि धाई, बांह पकरि लै आई।
इन कर सों भुज गहि गाढ़े, करि इक कर लीने सांटी।
मारति हौं तोहिं अबहिं कन्हैया, वेग न उगिलौ माटी।
ब्रज लरिका सब तेरे आगे, झूठी कहत बनाई।
मेरे कहे नहीं तू मानति, दिखरावौं मुख बाई।
1. बीती विभावरी जाग री― जयशंकर प्रसाद
2. मैया मैं नाहीं दधि खायो― सूरदास
3. मैया कबहिं बढ़ैगी चोटी― सूरदास
4. बानी जगरानी की उदारता बखानी जाइ― केशवदास
5. मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो― सूरदास
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची
9. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, रुढ़, यौगिक, योगरूढ़, अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार
1. मित्र को पत्र कैसे लिखें?
2. परिचय का पत्र लेखन
3. पिता को पत्र कैसे लिखें?
4. माताजी को पत्र कैसे लिखें? पत्र का प्रारूप
5. प्रधानपाठक को छुट्टी के लिए आवेदन पत्र
1. प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों हेतु 'गाय' का निबंध लेखन
2. निबंध- मेरी पाठशाला
2. सरल, सुबोध और साहित्यिक ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।
3. अनुप्रास अलंकार एवं वात्सल्य रस का प्रयोग किया गया है।
4. प्रस्तुत पद्यांश की छंद पद के साथ रचना की गई है।
1. समास के प्रकार, समास और संधि में अन्तर
2. संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि
3. वाक्य – अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार
4. योजक चिह्न- योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ, कब और कैसे होता है?
5. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
6. कर्त्ता क्रिया की अन्विति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
(I hope, the above information will be useful and important.)
Thank you.
R.F. Tembhre
(Teacher)
EduFavour.Com
Recent Posts
Categories
Subcribe
Copyright © 2025 - All Rights Reserved - Edu Favour