मुहावरे और लोकोक्ति के प्रयोग से भाषा में सरलता, सरसता, चमत्कार और प्रवाह उत्पन्न होता है। मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है अलग नहीं। जैसे यदि कोई कहे 'पेट काटना' तो इसमें कोई विलक्षण अर्थ प्रकट नहीं होता इसके विपरीत, कोई कहे कि 'मैंने पेट काटकर अपने लड़के को पढ़ाया' तो वाक्य में लाक्षणिकता, लालित्य और प्रवाह उत्पन्न होगा।
मुहावरा अपना असली रूप कभी नहीं बदलता। अर्थात् उसे पर्यायवाची शब्दों में अनूदित नहीं किया जा सकता। जैसे 'कमर टूटना' मुहावरे के स्थान पर कटिभंग शब्द का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार लोकोक्ति के प्रयोग से भाषा के सम्प्रेषण में सरलता और सौन्दर्य आ जाता है। लोकोक्ति के पीछे कोई कहानी, या घटना होती है। लोकोक्ति को अपना भाव प्रकट करने के लिए वाक्यांश की आवश्यकता नहीं रही। यह अपने आप में पूर्ण होती है।
उदाहरण 'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' का सामान्य अर्थ नौ दिन में केवल ढाई कोस चलना है, जबकि इसका विशेष अर्थ है अधिक परिश्रम करने पर परिणाम थोड़ा आना। ये लोकोक्ति हैं।
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R F Temre
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